1. दोषों को दूर करने के लिए आलोचना और प्रतिक्रमण दोनों एक साथ करना तदुभय नाम का प्रायश्चित है। 2. अर्थ को ठीक-ठीक समझते हुए शुद्ध पाठ आदि पढ़ना तदुभय नाम का ज्ञानाचार है।
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