जम्बूद्वीप में मनुष्य, तिर्यंच आदि का तथा पर्वत, नदी, वेदिका, अकृत्रिम चैत्यालय आदि का वर्णन जिसमें किया गया हो उसे जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति कहते हैं ।
जम्बूद्वीप के उत्तर कुरु में स्थित एक अनादि- निधन वृक्ष और उसका परिवार। जम्बू वृक्ष का सामान्य स्थल पाँच सौ योजन विस्तार युक्त है। मध्य में आठ योजन, किनारों पर दो कोश मोटा है। यह स्थल चारों ओर से स्वर्णमयी …
जैनों में परस्पर विनय और प्रेमभाव प्रकट करने के लिए जय जिनेन्द्र शब्द बोला जाता है।