सामान्य-विशेषात्मक वस्तु को ज्ञेय कहते हैं या जो ज्ञान के द्वारा जाना जाए वह ज्ञेय है।
बहुत वर्ष को दीक्षित आर्यिका से भी आज का दीक्षित मुनि ज्येष्ठ हैं, पुरुष संग्रह, उपकार और रक्षण करता है, पुरुष ने ही धर्म की स्थापना की है। इसलिए सर्व आर्यिकाओं को मुनि की विनय करना चाहिए। स्त्री पुरुष से …
जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु चारों दिशाओं में फैलने वाली सूर्य, चन्द्र आदि ज्योतिष विमानों की किरणों का आलम्बन लेकर गमन कर सकते हैं उसे ज्योतिष – चारण- ऋद्धि कहते हैं।