आहार करते समय यदि साधु के दोनों पैरों के बीच में कोई जीव गिर जाए तो यह जीव-संपात नाम का अन्तराय है।
अनंतानंत जीव और उनके भेद प्रभेदों का जिनमें संग्रह किया जाए उन्हें जीव समास कहते हैं। चौदह जीव-समास प्रसिद्ध हैं- एकेन्द्रिय बादर, पर्याप्तक, एकेन्द्रिय बादर अपर्याप्तक, एकेन्द्रिय सूक्ष्म पर्याप्तक, एकेन्द्रिय सूक्ष्म अपर्याप्तक, द्वीन्द्रिय पर्याप्तक, द्वीन्द्रिय अपर्याप्तक, त्रीन्द्रिय पर्याप्तक, त्रीन्द्रिय अपर्याप्तक, …