ज्ञानावरणीय और दर्शनावरणीय को छद्म कहते हैं। उसमें जो रहते हैं उन्हें छद्मस्थ कहते हैं। आशय यह है कि जो जीव ज्ञानावरणीय एवं दर्शनावरणीय आदि घातिया कर्मों से युक्त हैं वे छद्मस्थ कहलाते हैं। केवलज्ञान होने से पूर्व सभी जीव …
वादी के वचन से दूसरा अर्थ कल्पना कर उसके वचन में दोष देना वचन छल है। वह तीन प्रकार का है- वाक् छल, सामान्य छल, और उपचार छल। वाक् छल वक्ता के किसी साधारण शब्द के प्रयोग करने पर उसके …