स्वपर की आत्मा को जानने वाला ज्ञानी आत्मा जिसमें निवास करता हो ऐसे पंचमहाव्रत संयुक्त मुनि को चैत्यगृह कहा गया है अथवा क्रमबद्ध भव्यजीवों के समूह को जानने वाला आत्मा निश्चय से चैत्यगृह या चैत्यालय है तथा व्यवहारनय से निश्चय …
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