चित् अर्थात् चित् शक्ति या अनुभव, अन्वित और अहम् इस प्रकार के संवेदन के द्वारा अपने स्वरूप को प्रकाशित करने वाले जिस रूप को सदा स्वयं अनुभव करते हैं, उसे चित् अथवा चेतन कहते हैं।
आत्मा के चैतन्य विशेष रूप परिणाम को चित्त कहते हैं अथवा हेय-उपादेय का विचार करने वाला चित्त होता है या विकल्प का नाम चित्त है या चित्त का लक्षण स्वसंवेदन ही है। बोध, ज्ञान और चित्त ये सब एक ही …