सर्वजनप्रिय होने के कारण इसे चार्वाक संज्ञा प्राप्त हैं। सामान्य लोगों के आचरण में आने के कारण इसे लोकायत भी कहते हैं आत्मा और पुण्य – पाप आदि का अस्तित्व न मानने के कारण यह ‘नास्तिक’ मत कहलाता है। धार्मिक …
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