गृहस्वामी के द्वारा लायी गई घास को खाते समय जैसे गाय घास को ही देखती हैं लाने वाले के रूप रंग या स्थान की सजावट आदि को नहीं देखती। उसी प्रकार साधु भी आहार देने वाले के रूप-रंग, गरीबी–अमीरी आदि …
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