एक देश से दूसरे देश को प्राप्त करने का जो साधन है उसे गति कहते हैं अथवा बाह्य और आभ्यन्तर निमित्त के वश से उत्पन्न होने वाला काय का परिस्पन्दन गति कहलाता है। क्रिया, प्रयोग आदि के भेद से गति …
एक भव से दूसरे भव को जाने को गति कहते हैं। जिसके द्वारा जीव नरकादि चारों गतियों में गमन करता है वह गति नाम कर्म कहलाता है अथवा जिसके उदय से आत्मा भवान्तर को जाता है वह गति नामकर्म है। …