अर्थ – कुदर्शन अर्थात् नैयायिक, वैशेषिक, सांख्यमत, मीमांसकमत, वेदान्तमत, बौद्धमत, चार्वाकमत, शून्यवाद के मत इनके भेष तथा इनके भाषित पदार्थ और श्वेताम्बरादिक जैनाभास इनमें श्रद्धा, उत्साह, भावना, प्रशंसा और इनकी उपासना व सेवा जो पुरुष करता है, वह जिनमत की श्रद्धारूप …