जिनमत को प्राप्त कर कल्याण करने वाले जो उपाय है उनका चिन्त्वन करता है। अथवा जीवों के शुभाशुभ भाव होते हैं। उनसे अपाय का चिन्तन करता है वह उपाय विचय धर्म ध्यान कहलाता है।
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