इन दोनों उदीरणा या उदय तथा बन्ध से व्यतिरिक्त कर्म पुद्गल स्कन्ध उपशान्त है। जो कर्म उदयावलिविषै प्राप्त करने कौं समर्थ न हूजै सो उपशान्त कहिये ।
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इन दोनों उदीरणा या उदय तथा बन्ध से व्यतिरिक्त कर्म पुद्गल स्कन्ध उपशान्त है। जो कर्म उदयावलिविषै प्राप्त करने कौं समर्थ न हूजै सो उपशान्त कहिये ।
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