उत्तम क्षमा आदि भावनाओं के द्वारा आत्मा की धर्म की वृद्धि करना उपबृंहण है। उपबृंहण का अर्थ बढ़ाना होता है “वृह वृही वृद्धौ ” इस धातु से वृंहण शब्द की उत्पत्ति होती है ‘उप’ इस उपसर्ग के योग से ‘वृह’ …
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