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23 July

उपपत्तिसमा 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

पक्ष और विपक्ष दोनों ही कारणों की वादी और प्रतिवादियों के यहाँ सिद्धि हो जानी उपपत्तिसमा जाति है। प्रतिवादी कह देता है कि जैसे तुझ वादी के पक्ष में अनित्यत्वपने का प्रमाण विद्यमान है, तिसी प्रकार मेरे पक्ष में भी …

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23 July

उपपा क्षेत्र 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

उपपाद एक प्रकार का है और वह उत्पन्न होने (जन्मने) के पहले समय में ही होता है, इसमें जीव के समस्त प्रदेशों का संकोच हो जाता है।

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23 July

उपपाद 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

देव व नारकी जीवों के उत्पत्ति स्थान विशेष की उपपाद संज्ञा है अथवा ढकी हुई शय्या एवं ऊँट आदि के मुख की आकृति के समान बिलों में लघु अन्तर्मुहूर्त में ही जीव का उत्पन्न होना उपपाद जन्म है। देवों का …

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23 July

उपपाद गृह 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

तिह मानस्तम्भ के पास आठ योजन चौड़ा उतना ही ऊँचा उपपाद गृह है । बहुरि तीह उपपाद गृह विषै दोय रत्नमयी शय्या पाईए है। यहाँ इन्द्र का जन्म स्थान है। बहुरि इस उपपाद गृहकै पासि शिखरनिकरि संयुक्त जिन मंदिर हैं …

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23 July

उपपादयोगस्थान 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

पर्याय धारण करने के पहले समय में तिष्ठते हुए जीव के उपपाद योगस्थान होते हैं। जो वक्रगति से नवीन पर्याय को प्राप्त हो उसके जघन्य जो ऋजुगति से नवीन पर्याय को प्राप्त हो उसके उत्कृष्ट योगस्थान होते हैं। उपपादयोगस्थान उत्पन्न …

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