औदारिक शरीर में रस, रक्त, मांस, मेदा, हड्डी, मज्जा और शुक्र ये सात धातुएँ होती हैं तथा वात, पित्त, कफ, सिरा, स्नायु, चर्म और उदराग्निये सात उपधातु होती हैं।
क्रोधादि परिणामों की उत्पत्ति से निमित्तभूत बाह्य पदार्थ को उपधि कहते हैं या परिग्रह को उपधि कहते हैं। वास्तु, धन धान्य आदि बाह्य उपधि हैं तथा क्रोधादि भावों को आभ्यन्तर उपधि कहते हैं ।