जो साधु सम्यग्दर्शन को छोड़कर मिथ्या मार्ग में (मिथ्यात्व में) प्रवेश कर गया है उसको पुनः दीक्षा रूप यह प्रायश्चित्त दिया जाता है इसका दूसरा नाम उपत्थापन भी है। कोई-कोई महाव्रतों का मूलोच्छेद होने पर पुनः दीक्षा देने को उपत्थान …
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