प्रशंसनीय ज्ञान में दूषण लगाना उपघात है उपघात और आसादन में अन्तर है। प्रशस्त ज्ञान की विनय न करना या उसकी प्रशंसा न करना आदि आसादन है परन्तु ज्ञान को अज्ञान समझ कर हृदय की कलुषतावश ज्ञान के विनाश का …
स्वयं प्राप्त होने वाले घात को उपघात अर्थात् आत्मघात कहते हैं। जिस कर्म के निमित्त से जीव के स्वयं के शारीरिक अवयव पीड़ा के कारण बन जाते हैं अथवा जिस कर्म के निमित्त से विष, खड्ग, रस्सी आदि जीव के …