उपकार का सामान्य अर्थ निमित्त रूप से सहायक होना है वह दो प्रकार का है- स्व- उपकार और परोपकार। दान देने से जो पुण्य का संचय होता है, वह स्व-उपकार है और जिन्हें दान दिया जाता है उनके सम्यग्ज्ञान आदि …
उपकार अर्थ में मुख्य का निषेध करके वक्ता के वचनों को निषेध करना उपकार छल है। जेसे कोई कहे कि मंच रोते हैं, तो छलवादी उत्तर देता है कि कहीं अचेतन पदार्थ भी रो सकते हैं। अतएव यह कहना चाहिए …