दृष्टान्त धर्म को साध्य के साथ मिलाने वाली को उत्सर्ग समा कहते हैं। जैसेआत्मा डेल के समान क्रियावान है तो डेल के समान ही स्पर्शवान् भी हो जाओ। वादी यदि आत्मा डेल के समान स्पर्शवान् नहीं मानना चाहेगा तो आत्मा …
काण्डक पोर को कहते हैं कुल अनुभाग के पोर या काण्डक करके उन्हें घातार्थ जिस अन्तरमुहूर्त काल में स्थापित किया जाता है। उसे उत्कीरण काल कहते हैं।
समाधिमरण लेते समय जीवन भर हुए दोषों का स्मरण करके गुरु के सम्मुख आलोचना पूर्वक जो प्रतिक्रमण किया जाता है वह उत्तमार्थ- प्रतिक्रमण कहलाता है।
यह विदेह क्षेत्र में स्थित शाश्वत उत्तम-भोग भूमि है। इसके उत्तर दिशा में नील पर्वत, दक्षिण में सुमेरु, पूर्व में माल्यवान और पश्चिम में गन्धमादन गजदंत पर्वत स्थित है।