दूसरे की द्वारा कहे जाने पर वस्तु को जानना उक्तावग्रह है। जैसे यह घड़ा है ‘ ऐसा कहने पर घड़े को जानना । –
जिस कर्म के उदय से जीव का लोक पूजित कुलों में जन्म होता है यह उच्चगोत्र कर्म है। गोत्र, कुल, वंश और सन्तान- ये सब एकार्थवाची हैं।
दूसरे की द्वारा कहे जाने पर वस्तु को जानना उक्तावग्रह है। जैसे यह घड़ा है ‘ ऐसा कहने पर घड़े को जानना । –
जिस कर्म के उदय से जीव का लोक पूजित कुलों में जन्म होता है यह उच्चगोत्र कर्म है। गोत्र, कुल, वंश और सन्तान- ये सब एकार्थवाची हैं।
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