सिद्ध भूमि ईषत्प्राग्भार पृथ्वी के ऊपर स्थित है। एक योजन से कुछ कम है। ऐसे निष्कम व स्थिर स्थान में प्राप्त होकर तिष्ठते हैं। सर्वार्थ सिद्धि इन्द्र के ध्वजदण्ड से 12 योजन मात्र ऊपर जाकर आठवीं पृथ्वी स्थित है। उसके …
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