ईर्ष्या की व्युत्पत्ति ईरणं होगी, जिसका अर्थ गति है। ईर्या अर्थ का योग है।
ईर्या का अर्थ योग है, कषाय के अभाव में मात्र योग के द्वारा जो आस्रव होता है वह ईर्यापथ-आश्रव है। ईर्यापथ में रूप से आए हुए कर्म परमाणु दूसरे समय में ही पूर्णतः निर्जरा को प्राप्त होते हैं इसलिए ईर्यापथ …
ईर्ष्या का अर्थ गति या गमन है अतः ईर्यापथ की कारणभूत क्रिया ईर्यापथ-क्रिया है।