हन्ती इति पलायते – मारा इसलिए भागा, यहाँ इति शब्द का अर्थ हेतु है। “इतिस्म उपाध्यायः कथयति”- उपाध्याय इस प्रकार कहता है । यहाँ ‘इस प्रकार अर्थ है। “गौः अश्वः इति’ – गाय घोड़ा आदि प्रकार । यहाँ ‘इति’ शब्द …
इतिहास : History किसी भी जाति या संस्कृति का विशेष परिचय पाने के लिए तत्सम्बन्धी साहित्य ही एक मात्र आधार है और उसकी प्रामाणिकता उसके रचयिता व प्राचीनता पर निर्भर है। अतः जैन संस्कृति का परिचय पाने के लिए हमें …
जिसका स्वभाव अन्य पुरुषों के पास जाना आना है वह इत्वरी कहलाती है। इत्वरी अर्थात् अभिसारिका। इनमें भी जो अत्यन्त अचरट होती हैं, वे इत्वरिका कहलाती है। यहाँ कुत्सित अर्थ में ‘क’ प्रत्यय होकर इत्वरिका शब्द बना ।