1. कोई सम्यग्ज्ञान को प्रकाशित कर रहा हो तब शरीर या वचनों के द्वारा उसका निषेध करना आसरन या आसादना है। 2. पाँच अस्तिकाय, छह जीवनिकाय, पाँच महाव्रत, पाँच समिति, तीन गुप्ति और नव पदार्थ इन तेतीसों का अन्यथा स्वरूप …
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now