जिसके रागद्वेष और मोह का सर्वथा क्षय हो गया है उसे आप्त कहते हैं अथवा जो राग द्वेष आदि सर्व दोषों से रहित वीतराग हो, भूत भविष्यत् वर्तमान की समस्त पर्यायों सहित समस्त पदार्थों को जानने वाला हो अर्थात् सर्वज्ञ …
आप्त-मीमांसा – 01_आप्त-मीमांसा nikkyjain@gmail.com Date : 17-Nov-2022 Index गाथा / सूत्र विषय 001) देवों की पूजा आदि से आप महान नहीं हैं 002) विग्रह आदि महोदय से भी आप महान नहीं हैं 003) तीर्थंकरत्व हेतु से भी आप महान नहीं …