जिनेन्द्र भगवान के द्वारा कहे गए समस्त पदार्थों को प्रकाशित करने वाले वचन को आगम कहते हैं। आगम, सिद्धान्त और प्रवचन ये एकार्थवाची शब्द हैं। आगम की छह विशेषताएँ होती है – जो आप्त (वीतराग सर्वज्ञ ) के द्वारा कहा …
सूत्र और वृत्ति इन दोनों का जो विवरण है, उसकी पद्धति संज्ञा है। वीतराग सर्वज्ञ प्रणीत छः द्रव्यों आदि का सम्यक श्रद्धान, सम्यक्ज्ञान और वृतादि का जिसमें प्रतिपादन किया जाता है उसको आगम पद्धति कहते हैं। तहाँ सामान्य विशेष करि …