स्वजातिउपचार
स्वजाति पर्याय में स्वजाति पर्याय का आरोप इस प्रकार है- कहना । यहाँ प्रतिबिंब व दप्रण दोनों पुद्गल पर्यायें हैं। एक का दूसरे में आरोप किया गया है। स्वजाति गुण में स्वजाति द्रव्य का आरोप इस प्रकार है, जैसे- द्रव्य के रूप को ही द्रव्य कहना यथा रूप परमाणु गुण परमाणु आदि । यहाँ पुद्गल के गुण में पुद्गल द्रव्य परमाणु का आरोप किया गया है। स्वजाति गुण में स्वजाति द्रव्य का आरोप इस प्रकार है, जैसे- परिणमन के द्वारा ग्राह्य होने के कारण ज्ञान को ही पर्याय कह देना । यहाँ ज्ञान गुण में स्वजाति ज्ञान पर्याय का आरोप है। स्वजाति विभाव पर्याय में स्वजाति द्रव्य का आरोप इस प्रकार है। जैसे- स्कूल स्कंध को ही पुद्गल द्रव्य कह देना । यहाँ स्कंध रूप पुद्गल की विभाव पर्याय में पुद्गल द्रव्य गुण का आरोप इस प्रकार है, जैसे- देह के वर्ण विशेष को देखकर यह उत्तम रूप वाला है’ ऐसा कहना । यहाँ देह पुद्गल पर्याय है। उसमें पुद्गल के रूप गुण का आरोप किया गया है। ये असद्भूत व्यवहार नय के भेद हैं।