स्तूप
1. अरहंत सिद्ध भगवान की प्रतिमाओं से वे स्तूप चारों ओर से चित्र विचित्र हो रहे थे और सुशोभित हो रहे थे, मानो मनुष्यों का अनुराग ही स्तुपों रूप हो रहा हो। समवशरण की सप्त भूमि में अनेक स्तूप है, उनमें सर्वार्थसिद्धि नाम की अनेकों स्तूप है। उनके आगे देदीप्यमान शिखरों से युक्त भव्य कूट नाम के स्तूप रहते हैं। जिन्हें अभव्य जीव नहीं देख पाते क्योंकि उनके प्रभाव से अनेक नेत्र अंधे हो जाते हैं। समवशरण में स्थित भवनभूमि के पार्श्वभागों में प्रत्येक वीथी के मध्य में जिन प्रतिमाओं युक्त नौ-नौ स्तूप हैं। 2. Pyramid.