साधारण वनस्पति
जो एक शरीर बहुत जीवों का होता है, वह साधारण – शरीर कहलाता है। ऐसा साधारण शरीर जिन जीवों का है वे साधारण जीव कहलाते हैं। साधारण शरीर में रहने वाले सभी जीवों का जन्म, मरण, श्वांसोच्छवास और आहार आदि एक साथ होता है । जिस वनस्पति के आश्रित साधारण – जीव होते हैं वह साधारण- वनस्पति कहलाती है। प्रतिष्ठित- प्रत्येक – वनस्पति भी साधारण जीवों के द्वारा आश्रित होने के कारण उपचार से साधारण होती है। किसी वृक्ष की जड़ साधारण होती है, किसी का स्कन्ध, किसी की शाखाएँ, किसी के पत्ते, किसी के फूल, किसी के पर्व का दूध और किसी के फल साधारण होते हैं। इस तरह किसी-किसी वृक्ष के मूल, पत्ते, स्कन्ध, फल, फूल आदि अलग—अलग साधारण होते हैं और किसी के मिले हुए पूर्ण रूप से साधारण होते हैं। मूली, अदरक, आलू, अरबी आदि सब मूल अर्थात् जड़े साधारण हैं। गन्ने के पर्व साधारण हैं। वृक्षों पर लगी कोंपले सब साधारण हैं। पाँच उदुम्बर–फल और ग्वॉरभांटा की शाखाएँ साधारण हैं। चना, मेंथी, बथुआ, पालक आदि कोई-कोई साधारण है।