सहचर
कोई सहचर जैसे मातुलिंग (पपीता) रूपवान. होना चाहिए क्योंकि रसवान अन्यथा नहीं हो सकता, यह रस सहचर हेतु है । कारण रस नियम से रूप का सहचर है और इसलिए वह उसके अभाव में नहीं होता हुआ उसका ज्ञापन कराता है।
कोई सहचर जैसे मातुलिंग (पपीता) रूपवान. होना चाहिए क्योंकि रसवान अन्यथा नहीं हो सकता, यह रस सहचर हेतु है । कारण रस नियम से रूप का सहचर है और इसलिए वह उसके अभाव में नहीं होता हुआ उसका ज्ञापन कराता है।
antarang tap
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now