सन्निकर्ष प्रमाण
यदि सन्निकर्ष को प्रमाण माना जाता है तो सूक्ष्म व्यवहित विप्रकृष्ट पदार्थों का ग्रहण न करने का प्रसंग प्राप्त हो, क्योंकि इनका इन्द्रियों से सम्बन्ध नहीं होता। इसलिए सर्वज्ञता का अभाव हो जाता है । सन्निकर्ष को प्रमाण और अर्थ का फल मानते हैं तो सन्निकर्ष दो में रहने वाला होने से उसके फलस्वरूप ज्ञान को भी दो में रहने वाला होना चाहिए । इसलिए घट-पट आदि पदार्थों में भी ज्ञान की प्राप्ति होती है ।