संख्या व्यभिचार
तिसी प्रकार वे वैय्याकरणी जन ‘आप’ इस स्त्रीलिंग बहुवचनान्त शब्द का और ‘अम्भः’ इस नपुंसकलिंगी एकवचनान्त शब्द का लिंग और संख्या का भेद होने पर भी एक जल नामक अर्थ ग्रहण करते हैं। उनके यहाँ संख्या भेद से अर्थ में भेद नहीं पड़ता जैसे कि गुरुत्व साधन आदि शब्द | उनका ऐसा मानना श्रेष्ठ नहीं है क्योंकि ऐसा मानने पर तो एक घट और अनेक तन्तु इन दोनों का भी एक ही अर्थ होने का प्रसंग होता है।