शब्द लिंगज ज्ञान
श्रुतज्ञान शब्द लिंगज और अर्थलिंगज के भेद से दो प्रकार का है। उसमें भी जो शब्दलिंगज श्रुतज्ञान है वह लौकिक और लाकोत्तर के भेद से दो प्रकार का है। सामान्य पुरुष के मुख से निकले हुए वचन समुदाय से जो श्रुतज्ञान उत्पन्न होता है, वह लौकिक शब्दलिंगज श्रुतज्ञान है । असत्य बोलने के कारणों से रहित पुरुष के मुख से निकले हुए कथन समुदाय से जो श्रुतज्ञान उत्पन्न होता है ।