विमान
जो विशेषतः अपने में रहने वाले जीवों को पुण्यात्मा मानते हैं वे विमान हैं अथवा बलभि और कूट से युक्त प्रासाद विमान कहलाते हैं इन्द्रक श्रेणिबद्ध और पुष्प प्रकीर्णक के भेद से विमान तीन प्रकार के हैं। ये विमान दो तरह के हैं एक विक्रिया से उत्पन्न और दूसरे स्वभाव से । विक्रिया से उत्पन्न हुए यान – विमान विनश्वर हैं तथा स्वभाव से उत्पन्न हुए परमरम्य यान – विमान अविनश्वर होते हैं ।