वचन–बल–ऋद्धि
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जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु एक मुहूर्त मात्र काल के भीतर संपूर्ण श्रुत को सहज शुद्ध रूप से उच्चारण करने में समर्थ होते हैं उसे वचन – बल – ऋद्धि कहते हैं ।
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