लक्षण
परस्पर सम्मिलित वस्तुओं में से जिसके द्वारा किसी वस्तु विशेष का प्रथक्करण हो वह उसका लक्षण कहलाता है अथवा मिली हुई वस्तुओं में से किसी एक वस्तु को अलग करने वाले हेतु या चिन्ह को लक्षण कहते है। लक्षण के दो भेद हैआत्मभूत और अनात्मभूत । जो वस्तु के स्वरूप में मिलाजुला हो उसे आत्मभूत लक्षण कहते है जैसे अग्नि की उष्णता । यह उष्णता अग्नि का स्वरूप होती हुई अग्नि को जल आदि पदार्थों से पृथक् करती है इसलिए उष्णता अग्नि का आत्मभूत लक्षण है जो वस्तु के स्वरूप में मिला जुला न हो उससे पृथक् हो उसे अनात्मभूत लक्षण कहते है जैसे दण्डी पुरुष का दण्ड। दण्डी को लाओ ऐसा कहने पर दण्ड पुरुष में न मिलता हुआ भी पुरुष को दूसरे पदार्थों से पृथक् करता है इसलिए दण्ड पुरुष का अनात्मभूत लक्षण है।