रहस्य
रहस्य अन्तराय कर्म को कहते हैं अन्तराय कर्म पूर्णतः क्षय तीन घातिया कर्मों के क्षय का अविनाभावी है और संवेदन अन्तराय कर्म के नष्ट होने पर अघातिया कर्म भ्रष्ट बीज के समान निःशक्त हो जाते हैं।
रहस्य अन्तराय कर्म को कहते हैं अन्तराय कर्म पूर्णतः क्षय तीन घातिया कर्मों के क्षय का अविनाभावी है और संवेदन अन्तराय कर्म के नष्ट होने पर अघातिया कर्म भ्रष्ट बीज के समान निःशक्त हो जाते हैं।
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