युगपत्
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जिस समय वस्तु की, अनेक धर्मों का काल, आदि से अभेद सिद्ध करना होता है, उस समय एक शब्द से यद्यपि वस्तु के एक धर्म का ज्ञान होता है। परन्तु एक शब्द से ज्ञात इस एक धर्म के द्वारा ही पदार्थों के अनेक धर्मों का ज्ञान होता है। इससे वस्तुओं का एक साथ युग्पत् ज्ञान होना कहते हैं।
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