भरत
ये प्रथम चक्रवर्ती थे । अयोध्या के राजा तीर्थंकर ऋषभदेव इनके पिता और रानी यशस्वती इनकी माता थी। इन्होंने छहों खण्ड पृथ्वी पर विजय प्राप्त की परन्तु अपने ही भाई बाहुबलि से युद्ध में हार गये थे। इनके साम्राज्य में ही सर्वप्रथम स्वयंवर प्रथा का शुभारंभ हुआ था। इनके ही नाम पर देश का नाम भारतवर्ष पड़ा । चिरकाल तक राज्य करने के उपरांत इन्होंने जिनदीक्षा ले ली और अन्तर्मुहूर्त में केवलज्ञान प्राप्त किया। इनकी आयु चौरासी लाख पूर्व वर्ष थी। इन्होंने कैलास पर्वत पर चौबीस जिनालयों का निर्माण कराया और पाँच सौ धनुष ऊँची तीर्थंकर ऋषभदेव की प्रतिमा स्थापित करायी।