भय
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जिसके उदय से उद्वेग होता है वह भय है अथवा भीति को भय कहते हैं अथवा जिस कर्म के उदय से जीव के इहलोक, परलोक आदि सात प्रकार का भय उत्पन्न होता है वह भय कर्म ही सात प्रकार का है – इहलोक, परलोक, (अत्राण) या अरक्षा, अगुप्ति, मरण वेदना और आकस्मिक भय । —
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