प्रमाद चरित
बिना प्रयोजन पृथ्वी, जल, अग्नि और पवन के आरंभ करने को वनस्पति छेदने को, पर्यटन करने को और दूसरों को पर्यटन कराने को भी प्रमाद चर्या नामा अनर्थदण्ड कहते हैं। बिना प्रयोजन जमीन का खोदना, वृक्ष आदि का उखाड़ना, दूब आदि हरी घास को रोंदना या खोदना, पानी सींचना, फल-फूल पत्ते आदि तोड़ना । जल आदि से अग्नि को बुझाने रूप क्रिया करना, किवाड़ बगैरह के द्वारा वायु के प्रतिबंध करने रूप क्रिया करना, भूमि बगैरह में जल के फेंकने आदि पाप क्रियाओं का करना प्रमाद चर्या अनर्थदण्ड है।