प्रमाण सप्तभंगी
कथंचित् घट है, कथंचित् घट नहीं है, कथंचित् घट अव्यक्त है, कथंचित् घट है और नहीं है, कथंचित् घट है और अव्यक्त है, कथंचित् घट नहीं है और अवक्तव्य है, कथंचित् घट है, नहीं है और अवक्तव्य है। इस प्रकार ये सातों भंग सकलादेश कहे जाते है। यह सकलादेश प्रमाणधीन अर्थात् प्रमाणाश्रित् है या प्रमाणजनित् है। सकलादेश में प्रत्येक धर्म की अपेक्षा सप्तभंगी होते है । स्यात् अस्त्येव जीव, स्यात् नास्त्येव जीव, स्यात् अवक्तव्यएव जीव, स्यात् अस्ति च नास्त् िच, स्यात् अस्त् िअवक्तव्य, स्यात् नास्त् िच अवक्तव्य च, स्यात् अस्त् िनास्त् िच अवक्तव्य च स्यात् अस्त्येव जीवाः इस वाक्य में जीव शब्द विशेष्य है, द्रव्यवाची है और अस्ति शब्द विशेषण है, गुणवाची है। उसमें विशेषण विशेष भाव द्योत्न के लिए एव का प्रयोग है।