प्रकरण समाजाति
उभय के साधर्म्य से प्रक्रिया की सिद्धि हो जाने से प्रकरण समा जाति है। कहीं-कहीं उभय के वैधर्म्य से भी प्रक्रिया की सिद्धि हो जाने के कारण प्रकरण सम जाति मानी जाती है। जैसे- शब्द अनित्य है । प्रयत्नानन्तरीयकत्व से ( प्रयत्न की समानता होने से) घट की नाई इस रीति से एक पक्ष को प्रवृत्त करता है। और दूसरा नित्य साधर्म्य से शब्द को नित्य सिद्ध करता है। ऐसा होने से प्रयत्नानन्तरीयकत्व हेतु अनित्यत्व साधर्म्य से कथन करने पर प्रकरण की अनतिवृत्ति से प्रत्यवस्थान हुआ । इसलिए प्रकरण सम है।