पुनरुक्त निग्रहस्थान
पुनरुक्त दो प्रकार का हैशब्द पुनरुक्त और अर्थ पुनरुक्त। उनमें से अनुवाद करने के अतिरिक्त जो शब्द का पुनः कथन होता है, उसे शब्द पुनरुक्त कहते हैं। एक शब्द से जिस अर्थ की प्रतीति हो रही हो उसी अर्थ का पुनः अन्य शब्द से कहना अर्थ पुनरुक्त है। एक वाक्य जन्य जो बोध उसी बोध के समान बोध जनक यदि उत्तर काल का वाक्य हो तो यही पुनरुक्त दोष है।