पार्थिवी धारणा
पिडस्थ ध्यान करने वाला योगी सर्वप्रथम अत्यन्त शांत और सफेद क्षीर समुद्र का ध्यान करे फिर उसके मध्य में सुंदर स्वर्ण कमल का चिन्तवन करे तत्पश्चात् उस कमल के मध्य स्थित कर्णिका में श्वेत रंग के सिंहासन का चिन्तन करे । अंत में सिंहासन पर सर्व कर्मों का क्षय करने में समर्थ निज आत्मा का चिंतवन करे यह प्रथम पार्थिवी-धारणा है।