परप्रत्यय निमित्त
परप्रत्यय भी उत्पाद और व्यय होता है, अतः ये धर्मादि द्रव्य क्रमशः अश्वादिकी गति स्थिति और अवगाहन में कारण हैं। चूँकि इन गति आदि में क्षण-क्षण में अंतर पड़ता है इसलिए इनके कारण भी भिन्न–भिन्न होना चाहिए । इस प्रकार धर्मादि द्रव्यों में परप्रत्यय की अपेक्षा उत्पाद और व्यय का व्यवहार किया जाता है।