परकृति
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जो वाक्य मनुष्यों के कर्मों में विरोध दिखावें, उसे परकृति कहते हैं। जैसे- कोई तो वपा को सुवें मे रखकर प्रणीता में डालते हैं और धृत को मे सुवा से प्रणीता में डालते है और उनकी प्रशंसा करते हैं ।
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