पक्षाभास
साध्य से विपरीत विरुद्धादि साध्याभास है। आदि शब्द से अनभिप्रेत तथा प्रसिद्ध का ग्रहण करना चाहिए, क्योंकि ये तीनों ही साधन के विषय नहीं हैं, इसलिए ये साध्याभास हैं। इसे ही पक्षाभास कहते हैं। इष्ट, असिद्ध, और अबाधित इन विशेषणों से विपरीत, अनिष्ट, सिद्ध व बाधित ये पक्षाभास है।