नेमिनाथ
बाइसवें तीर्थंकर । ये यादववंश के राजा समुद्रविजय के पुत्र थे । रानी शिवादेवी इनकी माँ थीं। इनकी आयु एक हजार वर्ष थी। शरीर की ऊँचाई दस धनुष और आभा नीलमणि के समान थी। अपने विवाह की तैयारी में म्लेच्छ राजाओं के भोजन के लिए हरिणों का समूह बंध में बंधा देखकर वे विवाह किए बिना ही विरक्त हो गए और जिनदीक्षा ले ली । छप्पन दिन तक तपस्या करके केवलज्ञान प्राप्त किया। इनके समवसरण में वरदत्त आदि ग्यारह गणधर, अठारह हजार मुनि, चालीस हजार आर्यिकाएँ, एक लाख श्रावक व तीन लाख श्राविकाएँ थीं। इन्होंने गिरिनार(उर्जयन्त) पर्वत से मोक्ष प्राप्त किया इनका दूसरा नाम अरिष्टनेमी भी था । श्रीकृष्ण इनके चचेरे भाई थे। |